महावीर जन्म कल्याणक जैन धर्म के सबसे प्रमुख और पवित्र त्योहारों में से एक है। यह दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म का उत्सव है। आइए विस्तार से जानें इस पर्व के बारे में:

महावीर जन्म कल्याणक 2025 कब है?

  • तिथि: 10 अप्रैल 2025
  • स्थान: भारत और विश्वभर के जैन समुदायों में धूमधाम से मनाया जाएगा।
  • कैलेंडर: भारतीय पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

भगवान महावीर का जीवन परिचय

  • जन्म: 599 ईसा पूर्व (चैत्र सुद 13)
  • जन्म स्थान: क्षत्रियकुंड, वैशाली (बिहार)
  • पिता का नाम: राजा सिद्धार्थ
  • माता का नाम: रानी त्रिशला
  • वंश: इक्ष्वाकु वंश

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • भगवान महावीर को “वर्धमान” भी कहा जाता है।
  • वे 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे।
  • 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग किया और तपस्या में लीन हो गए।
  • 12.5 वर्षों की तपस्या के बाद उन्हें केवलज्ञान (केवल्य ज्ञान) की प्राप्ति हुई।
  • उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के सिद्धांतों का प्रचार किया।

भगवान महावीर के मुख्य सिद्धांत

  • अहिंसा (Non-violence)
  • सत्य (Truth)
  • अस्तेय (Non-stealing)
  • ब्रह्मचर्य (Celibacy)
  • अपरिग्रह (Non-possessiveness)

दर्शन और शिक्षा

  • भेदविज्ञान और अनेकांतवाद का सिद्धांत दिया।
  • आत्मा को शुद्ध और स्वतंत्र मानते हुए आत्म-साक्षात्कार पर बल दिया।
  • सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र को मोक्ष मार्ग बताया।

महावीर जन्म कल्याणक के उत्सव की विशेषताएँ

  • रथयात्रा: भगवान महावीर की प्रतिमा को रथ पर बैठाकर नगर भ्रमण कराया जाता है।
  • अभिषेक: महावीर प्रतिमाओं का जल, दूध आदि से अभिषेक किया जाता है।
  • धार्मिक प्रवचन: मुनि और साध्वी प्रवचन देते हैं, धर्म का प्रचार करते हैं।
  • दान और सेवा कार्य: अनाथों, गरीबों को भोजन व कपड़े दान किए जाते हैं।
  • अहिंसा रैली: अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए रैलियाँ आयोजित होती हैं।

महावीर जन्म कल्याणक से जुड़ी कुछ मान्यताएँ

  • त्रिशला माता को भगवान महावीर के जन्म से पूर्व 16 शुभ स्वप्न आए थे।
  • देवताओं के राजा इन्द्र ने सुमेरु पर्वत पर महावीर का अभिषेक (स्नान) किया था।
  • महावीर को बचपन में “वर्धमान” इसलिए कहा गया क्योंकि उनके जन्म से राज्य में उन्नति हुई।

निष्कर्ष

महावीर जन्म कल्याणक केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भगवान महावीर के सिद्धांतों — अहिंसा, सत्य और संयम — को अपनाने का एक संकल्प भी है। आइए, इस महावीर जयंती पर हम सभी उनके संदेशों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें।