ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक और ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है। दोहा डायमंड लीग 2025 में उन्होंने 90.23 मीटर का भाला फेंककर भारत के लिए नया रिकॉर्ड स्थापित किया। यह पहला मौका है जब किसी भारतीय एथलीट ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 90 मीटर का आंकड़ा पार किया है।
हालांकि, इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद नीरज को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा क्योंकि जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.06 मीटर की दूरी तय कर प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीरज की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने लिखा:
“भारत गौरवान्वित है! नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। 90 मीटर की दूरी पार करना सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि नीरज की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है।”

🎯 नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां:
ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता (2021, टोक्यो)
विश्व चैंपियनशिप में कई बार पदक विजेता
अब 90 मीटर क्लब में शामिल होने वाले पहले भारतीय
🏆 क्या है 90 मीटर क्लब?
भाला फेंक (Javelin Throw) में 90 मीटर की दूरी पार करना एक अभूतपूर्व मील का पत्थर माना जाता है। अब तक कुछ ही एथलीट इस क्लब में जगह बना पाए हैं, और अब नीरज भी उनमें से एक बन गए हैं।
यहाँ उन प्रमुख भाला फेंक (Javelin Throw) एथलीटों की सूची दी गई है जिन्होंने 90 मीटर क्लब में स्थान बनाया है — यानी उन्होंने किसी मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता में 90 मीटर या उससे अधिक दूरी का भाला फेंका है:
🎯 90 मीटर क्लब के प्रमुख खिलाड़ी
खिलाड़ी का नाम | देश | सर्वश्रेष्ठ थ्रो (मी.) | वर्ष |
---|---|---|---|
Jan Železný | चेक गणराज्य 🇨🇿 | 98.48 (विश्व रिकॉर्ड) | 1996 |
Johannes Vetter | जर्मनी 🇩🇪 | 97.76 | 2020 |
Thomas Röhler | जर्मनी 🇩🇪 | 93.90 | 2017 |
Andreas Thorkildsen | नॉर्वे 🇳🇴 | 91.59 | 2006 |
Julius Yego | केन्या 🇰🇪 | 92.72 | 2015 |
Sergey Makarov | रूस 🇷🇺 | 92.61 | 2002 |
Julian Weber | जर्मनी 🇩🇪 | 91.06 | 2025 (Doha Diamond League) |
Neeraj Chopra | भारत 🇮🇳 | 90.23 | 2025 (Doha Diamond League) |
Aki Parviainen | फिनलैंड 🇫🇮 | 93.09 | 1999 |
Steve Backley | यूके 🇬🇧 | 91.46 | 19 |
🏆 विशेष जानकारी:
Jan Železný का 98.48 मीटर थ्रो आज तक का विश्व रिकॉर्ड है।
नीरज चोपड़ा 90 मीटर पार करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन चुके हैं।
इस क्लब में शामिल होना विश्व स्तर पर श्रेष्ठता का प्रतीक माना जाता है।
📌 निष्कर्ष:
नीरज चोपड़ा की यह उपलब्धि न केवल भारतीय एथलेटिक्स के लिए गर्व की बात है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी है। उनके निरंतर प्रयास और सफलता भारतीय खेलों को नई ऊँचाईयों तक ले जा रही है।