देश से बाहर होंगे अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक
रांची: भारत सरकार ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सहित सभी राज्यों को पत्र भेजकर अवैध प्रवासियों की पहचान कर डिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं।
जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले के बाद बढ़ी सख्ती
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने अवैध विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर हर जिले में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या की पहचान करें और उन्हें होल्डिंग सेंटर में रखें।

गृह मंत्रालय ने राज्यों को सौंपी पूरी ज़िम्मेदारी
केंद्र ने स्पष्ट किया है कि संघीय पुलिसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए अवैध नागरिकों की पहचान और निगरानी की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। चिन्हित किए गए नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
डिपोर्टेशन से पहले होल्डिंग सेंटर में रखा जाएगा
राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे होल्डिंग सेंटर का निर्माण करें, जहां जांच पूरी होने तक अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या को रखा जाएगा। जांच के बाद इन्हें बीएसएफ या कोस्ट गार्ड के माध्यम से उनके देश भेजा जाएगा।
भारतीय नागरिक होने के दावे की होगी पुष्टि
अगर कोई व्यक्ति खुद को भारतीय नागरिक बताता है तो संबंधित राज्य सरकार को उसकी पहचान और स्थायी पते की जांच 30 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। यह सत्यापन रिपोर्ट संबंधित केंद्र शासित प्रदेश या राज्य को भेजनी होगी।
बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा किया जाएगा अपलोड
पहचान के बाद संबंधित व्यक्ति की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी को विदेशी पहचान पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद स्थानीय पुलिस, बीएसएफ या कोस्ट गार्ड डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।